10 जून 2022

चाँद आखिर चाँद है

है साफ.. पानी सा,
दुआओं सा, इबादत सा ​​
न जिसके रूप में कोई मिलावट
चाँद आखिर चाँद है ! 
                                पूरा कभी, आधा कभी 
                                होंगे, न होंगे दाग भी 
                                फिर भी है बेहद खूबसूरत 
                                चाँद आखिर चाँद है !
साज की, श्रृंगार की,
बाहरी दिखावे की नही है चाँद को कोई जरूरत
चाँद आखिर चाँद है !

माना, कठिन बिलकुल नही, बनना सितारों सा, मगर..
बनना जरूरी भी तो नही, अपना अलगपन छोडकर

गर चाँद भी झिलमिल सितारों की नदी में बह गया
तो चाँद में और बाकियों में फर्क ही क्या रह गया ?

है ये गुजारिश चाँद से,
"बदलाव की जद्दोजहद में
खो न दे अपनी नजाकत"
चाँद आखिर चाँद है !

भीनी सी शीतल चाँदनी ही चाँद की पहचान है
है चाँद सबसे ही जुदा.. उसमें ही उसकी शान है 

क्यों की..
चाँद आखिर चाँद है !

- अनामिक
(०७/०५/२०१९ - १०/०६/२०२२) 

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