रात का चिलमन हटा दे, अब दिखा दे इक किरन
रहमतों की चाँदनी से झिलमिलाने दे गगन
दूर हो बादल-जमीँ के बीच की सब रंजिशें
पग जलाती रेत पर उम्मीद की हो बारिशें
चीर सन्नाटें घने गूँजे सुरों की बिजलियाँ
फिर सजे बगिया गुलों से, रंग भर दे तितलियाँ
बेजुबाँ सूरज के दिल की चाँद तक पहुँचे सदा
कुछ करिश्मा कर दिखा, सुन ले गुजारिश ऐ खुदा
- अनामिक
(११/०३/२०१४, २२/०४/२०१४, २८/०४/२०१४)
रहमतों की चाँदनी से झिलमिलाने दे गगन
दूर हो बादल-जमीँ के बीच की सब रंजिशें
पग जलाती रेत पर उम्मीद की हो बारिशें
चीर सन्नाटें घने गूँजे सुरों की बिजलियाँ
फिर सजे बगिया गुलों से, रंग भर दे तितलियाँ
बेजुबाँ सूरज के दिल की चाँद तक पहुँचे सदा
कुछ करिश्मा कर दिखा, सुन ले गुजारिश ऐ खुदा
- अनामिक
(११/०३/२०१४, २२/०४/२०१४, २८/०४/२०१४)