शक्कर के दानों सी तेरी छोटीसी, पर मीठी बातें
नाजुक होंठों पर मिश्री की डलियों जैसी मुस्कुराहटें
लब्जों से चाशनी छलकती, नजरों में शरबत की नदिया
गुलाबजामुन से गालों पर शहद सी शर्म-हया की छींटें
इतनी ज्यादा मिठास तेरी
जितनी भी पीकर जी भरकर भर लू इन नैनों के प्यालें
इस दिल को ना मिले राहतें
जितनी कर लू बातें तुझसे
जितनी जी लू सोहबत तेरी
जितनी पी लू खूबसूरती
और बढे ये अजब प्यास है
मिठास ही ये मर्ज है दिल का
इलाज भी ये मिठास है
- अनामिक
(१७,१८/०१/२०१९, ०९/०२/२०१९)
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