19 मार्च 2018

बेमौसम बारिश

ये तारों की कुछ साजिश है, 
या कायनात की ख्वाइश है ? 
कुछ तो कारण है, वरना क्यों 
बेमौसम छलकी बारिश है ? 

बिजली की झनकार छेडकर 
बूँदों में पैगाम भेजकर 
रूठी धरती को मनाने की 
आसमान की कोशिश है 

अपनी मिट्टी के इत्तर से 
सभी दिशाएँ महकाने की 
बेकरार उस आसमान की 
धरती से फर्माइश है 

धरती भी अब भूलकर गिलें 
क्षितिज पे रुके आसमान के 
मुस्कुराते लग जाए गले 
कुदरत की यही सिफारिश है 

- अनामिक 
(१९/०३/२०१८) 

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