दौडती ही जा रही है
रुकने का ये नाम ना ले
फुरसत से ये काम ना ले
ज़िंदगी..
महकती ज़िंदगी
चहकती ज़िंदगी
बहकती ज़िंदगी
ज़िंदगी ज़िंदगी.. ॥ मुखडा ॥
ख्वाइशों की कार लेकर
मुश्किलों के पार लेकर
ये न माने स्पीडब्रेकर
बस दबाए ऐक्सिलिरेटर
ज़िंदगी ज़िंदगी.. ॥ अंतरा-१ ॥
हर घडी अनोखा सफर है
टेढी-मेढी हर डगर है
जोश के संग होश हो तो
ऐक्सिडंट की क्या फिकर है
ज़िंदगी ज़िंदगी.. ॥ अंतरा-२ ॥
- अनामिक
(२४/१२/२०१५ - ०८/०७/२०१७)
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