मन में सजी ख्वाबों की वो बारात जाया हो गयी
वो साफ दिल से पेश की सौगात जाया हो गयी
उसको सजाने में जगी वो रात जाया हो गयी
वो बंद मुठ्ठी में छुपी कायनात जाया हो गयी
दिल से लिखी दास्तान की शुरुवात जाया हो गयी
वो कोशिशें, शिद्दत, जतन, जजबात जाया हो गये
उस रात आँखों से गिरी बरसात जाया हो गयी
- अनामिक
(०४-०६/०१/२०१७)
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