06 जनवरी 2017

सौगात जाया हो गयी

उस सांझ छेडी अनकही वो बात जाया हो गयी 
मन में सजी ख्वाबों की वो बारात जाया हो गयी 

वो साफ दिल से पेश की सौगात जाया हो गयी 
उसको सजाने में जगी वो रात जाया हो गयी 

वो बंद मुठ्ठी में छुपी कायनात जाया हो गयी 
दिल से लिखी दास्तान की शुरुवात जाया हो गयी 

वो कोशिशें, शिद्दत, जतन, जजबात जाया हो गये 
उस रात आँखों से गिरी बरसात जाया हो गयी 

- अनामिक 
(०४-०६/०१/२०१७) 

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