उगाच दंगा करतो पाउस
मेघांनाही लावुन नादी
पिसाटल्यागत झरतो पाउस
पाउस वेडा.. ॥ धृ ॥
उनाड पाउस.. टवाळ पाउस..
पाउस चंचल.. लबाड पाउस..
एकदा का कोसळू लागला,
समजवण्याच्या पल्याड पाउस
कधी पसरलेली ओंजळही
भरण्याआधीच विरतो पाउस
पाउस वेडा.. ॥ १ ॥
पाउस चंचल.. लबाड पाउस..
एकदा का कोसळू लागला,
समजवण्याच्या पल्याड पाउस
कधी पसरलेली ओंजळही
भरण्याआधीच विरतो पाउस
पाउस वेडा.. ॥ १ ॥
तुफान पाउस.. भयाण पाउस..
आनंदाला उधाण पाउस..
पाउस धोधो.. पाउस रिमझिम..
पाउस बोचक.. पाउस रेशिम..
सोंगाड्या हा.. किती मुखवटे,
किती रुपे पांघरतो पाउस
पाउस वेडा.. ॥ २ ॥
आनंदाला उधाण पाउस..
पाउस धोधो.. पाउस रिमझिम..
पाउस बोचक.. पाउस रेशिम..
सोंगाड्या हा.. किती मुखवटे,
किती रुपे पांघरतो पाउस
पाउस वेडा.. ॥ २ ॥
या शहरातुन.. त्या रानातुन..
वेलीतुन.. झाडा-पानातुन..
याच्या-त्याच्या खोड्या काढत
लहानग्यागत फिरतो पाउस
दमल्यावर मग भूमातेच्या
कुशीत गुपचुप शिरतो पाउस
पाउस वेडा.. ॥ ३ ॥
वेलीतुन.. झाडा-पानातुन..
याच्या-त्याच्या खोड्या काढत
लहानग्यागत फिरतो पाउस
दमल्यावर मग भूमातेच्या
कुशीत गुपचुप शिरतो पाउस
पाउस वेडा.. ॥ ३ ॥
जरी कितीही बरसुन गेला
मनात शिल्लक उरतो पाउस
कातरवेळी साधुन संधी
डोळ्यातुन पाझरतो पाउस
पाउस वेडा.. ॥ ४ ॥
मनात शिल्लक उरतो पाउस
कातरवेळी साधुन संधी
डोळ्यातुन पाझरतो पाउस
पाउस वेडा.. ॥ ४ ॥
- अनामिक
(१९-२१/०७/२०१६)
(१९-२१/०७/२०१६)
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