01 सितंबर 2021

ये नैना क्या कुछ बोल रहे हैं

​ये छुपा रहे हैं काफी कुछ
ये जता रहे हैं काफी कुछ
ये खामोशी का चिलमन ओढे बता रहे हैं काफी कुछ 

ये जजबातों से भरा समंदर दो पलखों पे तोल रहे हैं 
ये नैना क्या कुछ बोल रहे हैं           || मुखडा || 

इनमें मुश्किल से सवाल हैं 
इनमें अनजाने जवाब हैं 
आसान नही, पढकर देखो, 
ये पहेलियों की किताब हैं 

कुछ राज दबे, कुछ रिवायतें 
कुछ कहानियाँ, कुछ हकीकतें 
कुछ उम्मीदें, कुछ शिकायतें 
कुछ गुजारिशें, कुछ इजाजतें 

ये कई अनकही बातों का जादुई पिटारा खोल रहे हैं 
ये नैना क्या कुछ बोल रहे हैं          || अंतरा-१ || 

इनमें धरती की व्याकुलता, 
इनमें अंबर की फुहार भी 
इनमें साहिल का सन्नाटा, 
इनमें लहरों की पुकार भी 

गहराई इनकी नाप सके, वो हुनर किसी के पास नही 
गर झाक लिया इनमें गौर से, उभरने की कुछ आस नही 

आवाज लगाकर बुला रहे हैं, या दूर से टटोल रहे हैं ?! 
ये नैना क्या कुछ बोल रहे हैं             || अंतरा-२ || 

- अनामिक 
(२९/०८/२०२१ - ०१/०९/२०२१) 

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